राजस्थान में दलित छात्र की पिटाई के बाद मौत के विरोध में शिमला में प्रदर्शन, मुवावजे की उठाई मांग।

राजस्थान में दलित छात्र की पिटाई के बाद मौत के विरोध में शिमला में प्रदर्शन, मुवावजे की उठाई मांग।



हि. प्र. दलित शोषण मुक्ति मंच और SFI ने आज सन्युक्त रूप से शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर राजस्थान में दलित छात्र द्वारा अघ्यापक की मटकी से पानी पीने पर छात्र की निर्मम हत्या करने के विरोध में जबर्दस्त प्रदर्शन किया।

दलित शोषण मुक्ति मंच के संयोजक जगत राम ने कहा कि 20 जुलाई 2022 को राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा गांव के सरस्वती विद्या मन्दिर स्कूल में तीसरी कक्षा के दलित छात्र इंद्र कुमार ने स्कूल के मुख्य अध्यापक की मटकी से पानी पिया तो मुख्य अध्यापक छेल सिंह ने छात्र की इतनी बेरहमी से पिटाई कर दी कि उसकी दिमाग की नस फट गई। पिटाई के 23 दिन बाद 13 अगस्त को छात्र की मौत हो गई। इस घटना ने देश को शर्मसार कर दिया। केन्द्र की मोदी सरकार एक तरफ आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रही है दूसरी तरफ पानी पीने पर दलित बच्चों की हत्या की जा रही है। देश मे छुआ- छूत ,समाजिक भेद भाव, दलितों की हत्याओं व उन पर अत्याचारों की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है एक सर्वे के मुताबिक तमिलनाडू में दलित प्रधान पंचायत में कुर्शी पर नही बैठ सकता दलित प्रधान राष्ट्रीय झंडा नहीं फहरा सकता। आजादी के 75 साल पूरे होने पर जातिवाद, छुआ-छूत की सड़ी गली व्यवस्था देश मे अपनी जड़ें तेजी से फैला रही है। केंद्र व राज्य की सत्तासीन सरकारें इस व्यवस्था को रोकने के बजाए इसे फलने फूलने की जमीन तैयार करती आ रही है। मौजूदा भा ज पा सरकार के चलते दलितों के अधिकारों को छीना जा रहा है।प्रदेश में मल्टी टास्क वर्करज की भर्ती में आरक्षण लागू नही किया गया है।


देश।को आज़ाद हुए 75 वर्ष पूरे हो गए परन्तु दलितों को छुआ छूट और सामाजिक भेद भाव से आज़ादी नहीं मिल पाई। दलित शोषण मुक्ति मंच और SFI ने मांग की है कि छुआ छूत और सामाजिक भेद भाव को पुरी तरह समाप्त किया जाए। राजस्थान में दलित छात्र की हत्या के आरोपी को सख्त सजा दी जाए। मृतक छात्र के परिवार को 20 लाख का मुआवजा दिया जाए।

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