समरहिल चौक का नाम स्वामी विवेकानंद चौक होने से वामपंथियों को क्यों हो रही परेशानी।

समरहिल चौक का नाम स्वामी विवेकानंद चौक होने से वामपंथियों को क्यों हो रही परेशानी •

• समरहिल चौक का नाम हो स्वामी विवेकानंद चौक, बालूगंज चौक का नाम हो भगत सिंह चौक •



अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई सचिव कमलेश ठाकुर ने एक ब्यान जारी करते हुए कहा कि शहीद ए आजम भगत सिंह के नाम पर वामपंथियों द्वारा की जा रही घटिया राजनीति का विद्यार्थी परिषद विरोध करती है।

कमलेश ने कहा कि बुधवार दोपहर को जिस प्रकार वामपंथियों द्वारा भगत सिंह के नाम का प्रयोग कर मेयर ऑफिस में जिस प्रकार मेयर सत्या कौण्डल से बतमीजी एवं उनके ऑफिस में हुड़दंगबाज़ी की गई वह एक निंदनीय विषय है। शहीद ए आजम के नाम का प्रयोग कर ये वामपंथी उनको राजनीतिक उपभोक्तावाद का शिकार बनाने की
होड़ में लगे हैं , उन्होंने कहा कि वामपंथी भगत सिंह को लंबे समय से मार्क्सवादी खांचे में बांधने का सुनियोजित प्रयास कर रहे हैं।

कमलेश ने कहा कि मेयर ऑफिस में आज किया गया कृत्य वामपंथियों का दोगला चरित्र दर्शा रहा है। कमलेश ने कहा एक तरफ वामपंथी अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्वामी विवेकानंद का गुणगान करते हैं तो दूसरी तरफ उन्ही विवेकानंद जी का विरोध भी करते हैं। कमलेश ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक व्यक्तित्व ही नहीं अपितु एक विचार भी है। उन्होंने कहा कि वामपंथियों द्वारा समय समय पर विवेकानंद जी का अपमान किया गया है। यह वही वामपंथी हैं जिन्होंने जेएनयू के अंदर विवेकानंद जी की प्रतिमा को खंडित करने का प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद केवल भारतवर्ष में ही नहीं अपितु समस्त विश्व में युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं। कमलेश ने कहा कि विवेकानंद जी के विचार आज भी उतने ही सार्थक हैं जितने पहले थे। उनके विचारों से प्रभावित होकर लाखों युवा अपने जीवन को दिशा देने का काम करते हैं।

कमलेश ने कहा कि विद्यार्थी परिषद का स्पष्ट मत है कि देश को एक करने में जितने भी महापुरुषों ने अपना योगदान दिया है उन सभी का प्रत्येक भारतीय को सम्मान करना चाहिए। लेकिन इन महापुरुषों के नाम का प्रयोग कर इन वामपंथियों द्वारा जिस प्रकार से अपने राजनीतिक हितों का साधने का प्रयास किया जा रहा है वो एक चिंतनीय विषय है। आज हम सभी को इन वामपंथियों के दोगले चेहरे को समाज के सामने लाने की जरूरत है।

कमलेश ने कहा कि जब सरकार मुग़लों के नाम पर रखे सड़कों एवं इमारतों के नाम बदलती है तो सबसे ज्यादा पीड़ा इन वामपंथियों को ही होती है। उन्होंने कहा कि इन दोगलापंथीयों का काम सिर्फ और सिर्फ भारतीय संस्कृति एवं भारत के महापुरुषों का उपहास उडाने का रहा है।

कमलेश ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने पहले भी यह मामला नगर निगम मेयर के ध्यानार्थ लाया था कि समरहिल चौक का नाम स्वामी विवेकानंद चौक और बालूगंज चौक का नाम भगत सिंह चौक रखा जाए तथा उपरोक्त स्थानों पर इन महापुरुषों की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाए। उन्होंने कहा कि आज भी विद्यार्थी परिषद स्पष्ट रूप से मांग करती है कि समरहिल चौक का नाम स्वामी विवेकानंद चौक और बालूगंज चौक का नाम भगत सिंह चौक रखा जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: