शिमला में कांग्रेस ने जलाए खालिस्तानी झंडे ,NIA से जांच की उठाई मांग सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल
हिमाचल प्रदेश की धर्मशाला विधानसभा के परिसर में खालिस्तानी झंडे पोस्टर लगाने पर कांग्रेस भड़क गई है कांग्रेस ने रविवार को शिमला के डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया जिसमें कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह सहित कई नेता मौजूद रहे। इस दौरान कांग्रेस ने खालिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और खालिस्तान का झंडा जलाया गया। साथ ही इस मामले की एनआईए से जांच की मांग उठाई। कांग्रेस ने इसे बड़ी चूक करार दिया। साथ ही लोगों का महंगाई पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की घटना को अंजाम देने की आशंका भी जताई है। कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विधानसभा परिसर में खालिस्तानी झंडे लगाने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है ।

हिमाचल प्रदेश एक शांतिप्रिय प्रदेश है देव संस्कृति को मानने वाले लोग हैं सब धर्म के लोगों का मान सम्मान जनता करती है । लेकिन पिछले 2 साल से जिस तरह से शांतिप्रिय प्रदेश में अराजकता फैलाने की कोशिश कुछ लोग कर रहे हैं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। आज लोकतंत्र के मंदिर विधानसभा पर जिस तरीके से खालिस्तान के झंडे लगाए गए है इसकी कड़ी शब्दों में निंदा कांग्रेस करती हैं । खालिस्तान का जो लीडर है जो धमकियां दे रहा है उन्हें 29 अप्रैल को तिरंगा यात्रा निकाल कर जवाब देदिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधा और उन्हें सिर्फ बयानबाजी ना करने की नसीहत दी बल्कि इस पर कार्रवाई करने की भी मांग की उन्होंने कहा कि लेकर प्रदेश में पुलिस की भर्ती रद्द होती है और दूसरी तरफ शाम को भाजपा के एक मंत्री और डीजीपी थिएटर में नाटिया डाल रहे हैं जिससे जाहिर होता है कि यह सरकार और सरकार के अफसर कितने गंभीर हैं।

हिमाचल के अंदर माहौल को खराब करवाने की कोशिश की जा रही है सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। हिमाचल प्रदेश पुलिस जांच के लिए योग्य नहीं है इसकी जांच सीबीआई या एनआईए से करनी चाहिए ओर जो भी लोग इसमें लिप्त है वो चाहे प्रदेश के है यह या बाहर के लोग है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए उनको गिरफ्तार करना चाहिए । ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है जिससे सरकार कुछ नहीं कर रही है ओर मूक दर्शक बनकर रह गई है ।

उन्होंने आशंका जताई कि हो सकता है कि कुछ सत्ताधारी लोग ही लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की हरकत की गई हो प्रदेश में जिस तरह से पुलिस भर्ती रद्द की गई महंगाई आसमान छू रही है ऐसे में लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भी इस तरह की हरकत की जा सकती है ऐसे में इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई लोगों के सामने आए और जो भी लोग जोश है उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए।