पुलिस पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच शुरू न होने पर राजभवन पहुची कांग्रेस, किया प्रदर्शन , मुख्यमंत्री पर जनता को गुमराह करने के लगाए आरोप, 90 दिन के भीतर जांच पूर्ण करने को लेकर दिया अलत अल्टीमेटम। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू…..


हिमाचल प्रदेश में पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने निर्देश दिए थे लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी सीबीआई द्वारा जांच शुरू न करने पर विपक्षी दल कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है और शनिवार को कांग्रेस इस मामले को लेकर राजभवन जा पहुंची राजभवन के बाहर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की इस दौरान प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायक अनिरुद्ध सिंह सहित अन्य कार्यकर्ता काफी देर तक राजभवन के बाहर बैठे रहे और नारेबाजी की ओर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश की जनता को गुमराह करने के आरोप लगाए



इस दौरान कांग्रेस ने जयराम सरकार को पुलिस पेपर लीक की रिपोर्ट 90 दिन के भीतर लाने का अल्टीमेटम दिया। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यदि जल्द दोषियों को नहीं पकड़ा गया तो कांग्रेस अपने आंदोलन को उग्र करेगी। उन्होंने कहा कि अब तक यह समझ नहीं आ रहा कि इस मामले की जांच CBI कर रही है या SIT? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के 20 दिन बीत गए। अब तक CBI क्यों नहीं आई। उन्होंने कहा कि SIT पेपर लीक मामले में अब तक संदिग्ध पुलिस अधिकारियों से पूछताछ तक नहीं कर पाई है और मुख्यमंत्री SIT की वर्किंग की पीठ थपथपा रहे हैं। मामले में केवल चंद दलाल और पैसे देने वाले बच्चों के गिरफ्तार करने से केस खत्म होने वाला नहीं है। इसमें शामिल सरकार और पुलिस मुख्यालय के लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए, तभी केस की निष्पक्ष जांच संभव होगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
सुखविंदर सिंह सुखु ने कहा कि इस मामले में की जांच सीबीआई क्यों नहीं कर रही है इसको लेकर सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कांग्रेस किस को लेकर आने वाले समय में ब्लॉक स्तर पर उग्र आंदोलन भी शुरू करेगी।

जितेंद्र चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट बनाने की तैयारी में लग रही है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा घोषणा किए जाने के 17 दिन बाद भी CBI को मामला नहीं सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि जो पेपर पुलिस अधिकारियों की लापरवाही की वजह से लीक हुआ है, उस मामले की निष्पक्ष जांच की उम्मीद पुलिस से नहीं की जा सकती है। पुलिस आरोपियों को बचाने का काम कर रही है।